Tuesday, 26 July 2011

बिछड जाते हैं जिनके दिल मिले हैं


बिछड जाते हैं जिनके दिल मिले हैं
मुहब्बत के ये ही तो  सिलसिले हैं

किया  है प्यार  पहले से ज़ियादा
बिछड के जब ख़यालों मे मिले हैं

कुरेंदे आओ मिलकर ज़ख्म दिल के
हुआ क्या जो वो पहले से छिले हैं

हुए हैं बेखबर खुद से जो यारों
सुना है बस ख़ुदा उनको मिले हैं

चलों बैठे करें कुछ मीठी बातें
भुला दें आज जो शिक़वे गिले हैं

कहूँगा मौन रहकर बात दिल की
पता मुझको है मेरे लब सिले हैं

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