जीतेंगे हम,
पहुँचेंगे फिर उसी ठौर
आएगा जीवन मे फिर से
अच्छा दौर.....
क्या हुआ जो आज हैं
बेचैन रातें
क्या हुआ की हो किसी ने
चुभती बातें
आएगी सुबह ,फिर से लेके
मौका और......
पेडों ने कब पतझड पर
आंसू बहाए
पंछी कब टूटे नीडों से
हार पाए
शाख़ों पर आएँगी कोंपल
पत्ते- बौर........
मौन कभी तन्हा बैठा है
सोचा है?
परछाई रहती है हरदम
देखा है?
दुख मे साथ वही रहती है
करना गौर.................
जीतेंगे हम, पहुँचेंगे फिर उसी ठौर
thnx vimal
ReplyDelete